अप्सरा के नाम से इतिहास में दर्ज एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर 4 अगस्त 1956 को भारत के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के परिसर में बना था। यह भारत के रिसर्च रिएक्टरों में सबसे पुराना है। भारत में न्यूक्लियर एनर्जी के जनक माने जाने वाले डॉ. होमी जहांगीर भाभा की यह संकल्पना थी, जिसे यूनाइटेड किंगडम की मदद से भाभा परमाणु परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा डिजाइन किया गया।

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यह लाइट वाटर स्विमिंग पूल टाइप रिएक्टर था, जिसमें अधिकतम वन मेगावाट थर्मल का विद्युत उत्पादन होता था। भारतीय इंजीनियरों की टीम ने केवल 15 महीने में यह रिएक्टर तैयार कर दिखाया जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी।

इस रिएक्टर का बिजली उत्पादन 1 मेगावाट था जिससे मौजूदा मानकों के हिसाब से एक छोटा रिएक्टर था लेकिन इसने भविष्य में बड़े रिएक्टरों के विकास का मार्ग खोल दिया था। इसे परमाणु प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम माना जाता है। हालांकि 2010 में यह रिएक्टर बंद हो गया और इसके अपग्रेड रिएक्टर अप्सरा- उन्नत का परिचालन 10 सितंबर 2018 में शुरू हुआ।

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