कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के राजकीय आरजीकर अस्पताल में भ्रष्टाचार के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अस्पताल के नॉन मेडिकल डिप्टी सुपर रहे अख्तर अली ने सोमवार को बताया कि मेडिकल वेस्ट बिक्री का मामला लंबे समय से स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में ला रहा हूं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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उन्होंने बताया कि अस्पताल में जब वह नॉन मेडिकल के सुपर के पद पर तैनात थे तब उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट गैर कानूनी बिक्री को लेकर के कई बार स्वास्थ्य विभाग के पास शिकायत की लेकिन कार्रवाई के बजाय उन्हीं का तबादला कर दिया गया। अख्तर अली कहते हैं कि बायोमेडिकल वेस्ट की बिक्री एक बहुत बड़े रैकेट का काम है। मरीजों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन के लिए जिस सिरिंज का इस्तेमाल होता है उसे दोबारा साफ करके पैक करके बेच दिया जाता है।

इसी तरह से सलाइन सिरिंज और अन्य पाइप को भी दोबारा बेचा जाता है। इससे कई तरह की संक्रामक बीमारियों के बढ़ने का खतरा बना रहता है। उसके अलावा करोड़ों करोड़ों रुपये के गैरकानूनी टेंडर जारी किए जाते हैं जिनमें दवाइयों की खरीद बिक्री से लेकर मेडिकल आपूर्ति तक शामिल है। इसमें भी अपने लोगों को ही टेंडर दिया जाता है जिनसे बड़ी धनराशि वसूली जा रहे हैं। ठेके पर कर्मचारियों की नियुक्ति में भी वसूली होती है। इन तमाम आरोपों को लेकर उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई थी।

अख्तर अली बताते हैं कि 20 मार्च को उन्होंने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी और रातों रात उनका तबादला कर दिया गया। इसके पीछे कितना बड़ा रैकेट काम कर रहा है यह समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। इसीलिए किसी न किसी तरह से उन्हीं को समस्या में डालने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है।

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