कोलकाता : तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती से खुश है। गुरुवार को प्रेस कल्ब में मीडिया से मुखातिब बनर्जी ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि केंद्रीय तैनाती हर बूथ पर हो। एक के बदले दस लोगों को दे दिया जाए।

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उनसे पूछा गया कि राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की तैनाती पर आपत्ति क्यों जताई? इसके जवाब में तृणमूल महासचिव ने कहा, ”आयोग ही सही जवाब दे सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि आयोग को लगा होगा कि उसके अधिकार क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है। चुनाव में प्रबंधन क्या होगा, यह तय करने का अधिकार सिर्फ उन्हें है। इसलिए शायद वह झिझक रहे थे।”

पंचायत चुनाव से काफी पहले अभिषेक ने इस बात पर बल दिया था कि चुनाव में कोई हिंसा और अशांति नहीं होगी। यदि कोई भी विपक्षी पंचायत में नामांकन नहीं कर पाता है तो उन्हें बताया जाये। वह खड़े होकर नामांकन की व्यवस्था करेंगे। लेकिन देखा जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी के जिले दक्षिण 24 परगना में बार-बार गड़बड़ी होती रही है। सत्ताधारी पार्टी और आईएसएफ के बीच हुए संघर्ष में कई लोग घायल हो गए।

अभिषेक ने कहा, ”भांगड़ में जो हिंसा हुई वह नहीं होना चाहिए था।”

उनके मुताबिक एक बात हर किसी को माननी चाहिए। पिछले बीस-तीस साल से जिस तरह के पंचायत चुनाव हमने बंगाल में देखे हैं, इस बार उससे अलग है। दो लाख 36 हजार उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। यह एक अभूतपूर्व घटना है। वामपंथ के दौर में बंगाल में पंचायत चुनावों में जिस तरह की हिंसा होती थी, उसे काफी हद तक कम किया जा चुका है।

अभिषेक के शब्दों में, “मैं मरने वालों की संख्या को लेकर किसी भी बात को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। कोई भी मौत दुखद है। पंचायत चुनाव में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए लेकिन कुछ बिखरे हुए क्षेत्रों को छोड़कर अब पहले जैसी अशांति नहीं है। अगर ऐसा होता तो इतने सारे नामांकन प्राप्त नहीं होते।”

उनके शब्दों में, ”बंगाल में फिलहाल तृणमूल के पास जितनी ताकत है, उससे विपक्ष कई सीटों पर नामांकन नहीं कर पाता। लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते थे, हमें वोट चाहिए। हम कहते हैं, और केंद्रीय बल आने दीजिए। आइए देखते हैं वोट देकर बंगाल की जनता किसे जीताती है।

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