Calcutta High Court
कलकत्ता हाई कोर्ट

कोलकाता : कोलकाता में पांचवी क्लास में पढ़ने वाली 11 वर्ष की एक दुष्कर्म पीड़ित छात्रा 24 हफ्ते की गर्भवती है। अब उसके गर्भपात के लिए उसके मां-बाप ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Advertisement

भारत में मौजूदा कानून के मुताबिक कोई भी महिला अगर 20 सप्ताह या उससे कम की गर्भवती हो तो उसकी चिकित्सा करने वाले सरकारी डॉक्टरों का पैनल गर्भपात का निर्णय ले सकता है। लेकिन उससे अधिक समय होने पर कोर्ट की अनुमति के बगैर गर्भपात संभव नहीं है। इसलिए बुधवार को परिवार ने न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ में याचिका लगाकर गर्भपात की अनुमति मांगी है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रतीक धर ने कहा कि बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। परिवार बहुत अधिक शिक्षित और सक्षम नहीं है इसलिए दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने में भी काफी देर हुई। बाद में राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग के हस्तक्षेप से कोलाघाट थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है।

Advertisement

बच्ची फिलहाल होम में है। वह सामान्य जनजीवन में लौटना चाहती है और उसकी मानसिक स्थिति बच्चे को जन्म देने के लायक फिलहाल नहीं है। इसलिए न्यायालय को तुरंत गर्भपात की अनुमति देनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल स्पष्ट कर दिया कि गुरुवार को इस बारे में फैसला लेंगे।

Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here